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Gita Press

Cinema Manoranjan ya vinash ka sadhan-382

Cinema Manoranjan ya vinash ka sadhan-382

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सिनेमा: मनोरंजन या विनाश का साधन" (कोड-382), पूज्य श्री भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार द्वारा रचित तथा गीताप्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित एक विचारोत्तेजक पुस्तक है। यह पुस्तक सिनेमा के समाज पर पड़ने वाले प्रभाव का आध्यात्मिक और नैतिक दृष्टिकोण से विश्लेषण करती है। लेखक यह प्रश्न उठाते हैं कि सिनेमा वास्तव में स्वस्थ मनोरंजन का साधन है या फिर सांस्कृतिक और नैतिक पतन का कारण बन रहा है। यह पुस्तक पाठकों को आत्मचिंतन हेतु प्रेरित करती है तथा भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह करती है।

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