Gita Press
Gopi Prem - 369
Gopi Prem - 369
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'गोपी-प्रेम' (कोड: 369) गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक अत्यंत लोकप्रिय धार्मिक ग्रंथ है, जिसे श्रद्धेय श्री हनुमानप्रसाद जी पोद्दार (भाई जी) ने लिखा है। यह पुस्तक भगवान श्री कृष्ण और उनकी परम भक्ताओं—गोपियों के बीच के दिव्य प्रेम के अद्भुत प्रसंगों का वर्णन करती है। 'गोपी-प्रेम' में गोपियों के प्रेम की गहराई, उनकी निष्ठा, भक्ति और भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनकी अनन्य श्रद्धा को चित्रित किया गया है। इसमें गोपियों की भावनाओं, उनके आर्त्तनादों और श्री कृष्ण के प्रति उनके समर्पण की सुंदरता को दर्शाया गया है। पुस्तक में प्रस्तुत काव्यात्मक शैली और भावनात्मक गहराई पाठकों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करती है। यह ग्रंथ विशेष रूप से उन भक्तों के लिए उपयोगी है जो श्री कृष्ण की लीलाओं और उनके भक्तों के प्रेम को समझना चाहते हैं। 'गोपी-प्रेम' गीता प्रेस की एक महत्वपूर्ण कृति है, जो धार्मिक साहित्य में अपनी विशिष्ट पहचान रखती है।
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