Gita Vatika
Mere Baba Ram (Gita Vatika)
Mere Baba Ram (Gita Vatika)
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"मेरे बाबा राम" श्री राधेश्याम मिश्र द्वारा लिखित एक अत्यंत श्रद्धामयी और आत्मा को छू लेने वाली कृति है, जिसमें लेखक ने महाभाव-दिनमणि श्रीराधा बाबा के जीवन, लीलाओं और दिव्य प्रभाव को आत्मानुभूति के माध्यम से प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक किसी योजनाबद्ध लेखन का परिणाम नहीं, बल्कि स्वयं बाबा राम की प्रेरणा से सहज रूप से जन्मी एक भक्ति-गंगा है। लेखक बताते हैं कि बाबा ने अपने निज-जन को प्रेरित कर यह पुस्तक उनसे लिखवाई और प्रकाशित करवाई। पुस्तक में बाबा के साथ हुए व्यक्तिगत संस्मरण, लीलाएँ और दिव्य अनुभव सम्मिलित हैं, जो न केवल बाबा की महानता को उजागर करते हैं, बल्कि पाठक के हृदय में उनके प्रति श्रद्धा, प्रेम और भक्ति का संचार भी करते हैं। ‘राम’ यहाँ श्रीराधा बाबा का संबोधन है, जिनका व्यक्तित्व स्वयं में भक्ति, करुणा और महाभाव का मूर्तिमान रूप था। यह पुस्तक उन सभी साधकों और भक्तों के लिए अमूल्य धरोहर है जो संतवाणी, लीलाओं और आत्म-शुद्धि की अनुभूति में रुचि रखते हैं।
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