Gita Press
Parlok Aur Punar Janm Ank (Kalyan) - 572
Parlok Aur Punar Janm Ank (Kalyan) - 572
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“परलोक और पुनर्जन्म अंक (कल्याण)” – पुस्तक कोड 572, गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित एक विशेष धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें परलोक (मृत्योपरांत जीवन) और पुनर्जन्म के सिद्धांतों का गहन और विस्तृत विवेचन किया गया है। यह अंक वेद, उपनिषद, पुराण, भगवद्गीता तथा अन्य हिन्दू शास्त्रों के आलोक में यह स्पष्ट करता है कि आत्मा अमर है और कर्मों के अनुसार उसका पुनर्जन्म होता है। इसमें कठोपनिषद के नचिकेता-यम संवाद के माध्यम से आत्मा, मृत्यु, स्वर्ग-नरक और मोक्ष के विषयों पर गंभीर चर्चा की गई है। यह ग्रंथ पाठकों को यह समझाने का प्रयास करता है कि सत्कर्म, भक्ति और ज्ञान के मार्ग से मनुष्य जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर परम लक्ष्य—मोक्ष—प्राप्त कर सकता है। लगभग 704 पृष्ठों में समाहित यह अंक साधकों, धर्मप्रेमियों और जिज्ञासु पाठकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है, जो उन्हें आत्मकल्याण और जीवन के परमार्थिक रहस्यों की ओर उन्मुख करता है। यह न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि नैतिक और वैचारिक रूप से भी मनुष्य के आचरण को दिशा देने वाला संग्रहणीय ग्रंथ है।
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