Gita Press
Prashnottar ManiMala -1175
Prashnottar ManiMala -1175
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"प्रश्नोत्तर-मणिमाला" स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो साधना और भजन के संदर्भ में साधकों और जिज्ञासुओं के मन में उठने वाली शंकाओं का समाधान प्रश्नोत्तर शैली में प्रस्तुत करता है।
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प्रश्नोत्तर शैली: इसमें साधकों द्वारा पूछे गए सामान्य और गूढ़ प्रश्नों के सरल और स्पष्ट उत्तर दिए गए हैं।
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साधना और भजन पर ध्यान: पुस्तक में साधना और भजन के महत्व, विधि और लाभों पर प्रकाश डाला गया है।
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स्वामी रामसुखदास जी की शिक्षाएँ: स्वामी जी की शिक्षाओं के माध्यम से पाठकों को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
यह पुस्तक उन सभी साधकों के लिए उपयुक्त है जो अपनी साधना में शुद्धता और गहराई लाना चाहते हैं। साथ ही, यह जिज्ञासुओं के लिए भी एक मार्गदर्शक है जो आध्यात्मिक जीवन के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।
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