Gita Press
Shri Linga Mahapuran (Sachitra, Saral Hindi Vyakhya Sahit) - 1985
Shri Linga Mahapuran (Sachitra, Saral Hindi Vyakhya Sahit) - 1985
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गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित “श्री लिंग महा पुराण (सचित्र, सरल हिंदी व्याख्या सहित)” – पुस्तक कोड 1985 एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव की उपासना, लिंग स्वरूप का दर्शन, उनकी महिमा तथा धार्मिक कथाएँ संकलित हैं। यह पुराण ज्योतिर्लिंगों की उत्पत्ति, उनकी महत्ता व ईशान कल्प के वृत्तांत को लगभग 11,000 श्लोकों के माध्यम से संवेदनशीलता एवं सुलभता से प्रस्तुत करता है। इसमें पाशुपतयोग, योगाचार्यों और शिवभक्तों की कथाएँ विस्तृत रूप से दी गई हैं, जिससे यह ग्रंथ भक्तों के लिए उपासना एवं ध्यान का आदर्श स्रोत बनता है। ग्रंथ का प्रारूप हार्डकवर है, लगभग 832–842 पृष्ठों पर विस्तारित, और इसमें सरल हिंदी अनुवाद एवं सूचनात्मक व्याख्याएँ सन्निहित हैं। गीता प्रेस की पारंपरिक शैली में, यह संग्रह भक्तिमार्ग और पुराणिक ज्ञान की अभिव्यक्ति करता है, जो शिव उपासना के अध्ययन, आत्मानुभव और अध्यात्मिक साधना में रुचि रखने वाले पाठकों हेतु अत्यंत उपयोगी एवं संग्रहणीय है।
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